साइंस काॅलेज में प्रवीण मिश्रा ने दिए रैंगिंग पर व्याख्यान

राजनांदगांव। शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय में महाविद्यालय में जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रवीण मिश्रा का रैंगिंग विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। न्यायाधीश श्री मिश्रा ने अपने व्याख्यान का आरंभ जैनमुनि के कथन से किया, मैं सिखाने नहीं आया हूँ, मैं जगाने आया हूँ। महाविद्यालय मैं रैंगिंग सामाजिक अभिशाप है। यही कारण है कि सर्वोच्च न्यायालय इस सम्बंध में कानून पास किया है। रैगिंग का सामान्य अर्थ एक सौजन्य भेंट था, जो धीरे-धीरे विकृत एवं वीभत्स हो गया। न्यायाधीश श्री मिश्रा ने अपने व्याख्यान के बीच-बीच में विद्यार्थियों को रैंगिंग के सम्बंध में प्रश्न किए। उन्होंने रैंगिंग संबंधी कानून की जानकारी देते हुए बताया कि रैंगिंग ने अनगित निर्दोष के जीवन और करियर को किया है। उच्चतम न्यायालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग रैंगिंग की इस बुराई को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। किसी भी विद्यार्थी की महाविद्यालय परिसर में रैंगिंग में संलिप्तता पाये जाने पर बिना किसी विलंब के अपराधी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की जाएगी। ऐसे अपराधी के विरूद्ध गैर जमानती वारंट जारी होगा। महाविद्यालय से निष्काशन की कार्यवाही आरंभ की जाएगी। उसे अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश हेतु आयोग्य घोषित किया जाएगा।
महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. गन्धेश्वरी सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि महाविद्यालय में रैंगिंग निवारण समिति जागरूक एवं सक्रिय है जिसके परिणामस्वरूप महाविद्यालय स्थापना से लेकर आज तक रैंगिंग का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। ऐसे संवेदनशील विषय पर व्याख्यानो के आयोजन से विद्याथर््िायों को रैगिंग की विधिक अधिकारों की जानकारी मिलती है।
इस अवसर पर महाविद्यालय शेक्षणिक स्टाॅफ में डाॅ. निर्मला उमरे, डाॅ. नागरत्ना गनवीर, श्रीमती निर्मला जैन, डाॅ. ए.एन.माखीजा, डाॅ. फुलसो राजेश पटेल, श्री अनिल चन्द्रवंशी, सुश्री स्वाति तिवारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. एस.आर.कन्नोजे ने किया।

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