महाविद्यालय में रोजगार एवं मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के तत्वाधान में दिनांक 05.09.2018 से 07.09.2018 तक तीन दिवसीय उद्यमिता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों को पढ़ाई पूरी करने के बाद स्वरोजगार की दिशा में बढ़ने और स्वरोजगार के बेहतर भविष्य के निर्माण के बारे में बताया गया। शिविर को उद्यमिता विकास केन्द्र के समन्वयक अखिलेश सिंह परिहार, खादी बोर्ड के सहायक संचालक श्री राकेश ठाकुर, जिला व्यापार उद्योग केन्द्र राजनांदगांव के गोपाल राव ने संबोधित किया। काॅलेज के पढ़ाई समाप्त होने के बाद स्वरोजगार की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। पढ़ाई पूर्ण करने के पश्चात किसी पर आश्रित रहने की जरूरत नहीं है। बल्कि स्वरोजगार के माध्यम से अपने पैरों पर खड़ा हो सकते है। देश में बढ़ती हुई बेरोजगारी के कारण शासकीय सेवा के विकल्प के रूप में व्यवसाय की तरफ सोचना पड़ेगा। अर्थशास्त्र में उत्पत्ती के पांच साधन भूमि, श्रम, पूंजी, संगठन एवं साहस का उपयोग आपको वर्तमान में ही करना पड़ेगा इसलिए जोखिम उठाने के लिए तैयार हरना चाहिए। उद्यमिता के तहत व्यवसाय का चुनाव अपनी रूचि के हिसाब से चयन करना चाहिए, व्यवसाय में हर आदमी सफल नहीं हो सकता और न ही आदमी असफल हो सकता है। व्यवसाय का चयन करने के बाद इस दिशा में पूरी ताकत से आगे बढ़ने और परिस्थितियों को परखने की सलाह दी। शिविर में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, कारीगर प्रशिक्षण योजना, मिनीमाता स्वालंबन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई।