NSS Uncategorised शिवनाथ साईंस कॉलेज में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत् परिचर्चा, रैली, जल संकट व प्रबंधन, लैंगिक संवेदनशीलता पर व्याख्यान 15th September 202215th September 2022 Admin 0 Comments शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय राजनांदगांव के रा.से.यो.इकाई के तत्वाधान में डॉ.सुमन सिंह बघेल संस्था प्राचार्य व डॉ.एस.आर.कन्नोज रा.से.यो. अधिकारी के निर्देशन में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत् विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। दिनांक 12.09.2022 को महिला स्वास्थ्य पर परिचर्चा विषय पर डॉ. बघेल संस्था प्राचार्य ने कहा कि पोषण माह मनाने की शुरूआत -1975 से हुई, स्वस्थ्य रहने के लिये भोजन में आवश्यक खनिजों व विटामिन्स का होना जरूरी है। डॉ.एस.आर.कन्नोजे रा..से.यो.अधिकारी ने कहा कि छ.ग. में कुपोषित बच्चों की दर अधिक है, कुपोषण से बच्चे कमजोर व प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है। डॉ.विरेन्द्र साहू परियोजना अधिकारी, डोंगरगांव मुख्य अतिथि ने कहा कि पुरूषों को महिला स्वास्थ्य के बारे में जानना जरूरी है, आधी आबादी याने महिलायें स्वस्थ्य रहेगी तभी समाज परिवार व देश स्वस्थ्य रह सकता है, अधिकत्तर महिलाओं में खून की कमी (ऐनिमिया) देखा गया है।दिनांक 13.09.2022 को जल संकट व प्रबंधन विषय पर डॉ.सुमन सिंह बघेल संस्था प्राचार्य ने कहा कि जल है तो कल है, जल जीवन के लिए आवश्यक है, शुद्ध जल के बिना जीवन की कल्पना नही की जा सकती। डॉ. निर्मला उमरे विषय विशेषज्ञ ने कहा कि धरती का तीन भाग पानी से घिरा हुआ है, 97% पानी समुद्र में खारे जल के रूप में, 2% पानी बर्फ के रूप में, 1% पानी पेय जल के रूप में हैं, हमें सोच-समझकर जल का उपयोग करना है, बून्द-बून्द जल बचाकर जल का सम्मान करें। डॉ.फुलसो राजेश पटेल विषय विशेषज्ञ कहा कि दिनोदिन हमारे तालाब, सरोवर, बांध प्रदूषित होते जा रहे हैं, प्रदूषण के मार से जीवन मुश्किल होते जा रहा है। डॉ.एस.आर.कन्नोजे रा.से.यो.अधिकारी ने कहा कि जल श्रोत हमारे वन्दनीय है, हमें व्यवहार में बदलाव लाना होगा।दिनांक 14.09.2022 को लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर डॉ.सुमन सिंह बघेल ने कहा कि समाज विकास के लिए महिला व पुरूष बराबर के भागीदार हैं। हर बच्चे को अपनी क्षमता अनुसार आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए। समाज में परम्परागत रूप से महिलाओं को पुरूषों के बराबर के अधिकार नही मिल पाते हैं। डॉ.नागरत्ना गनवीर विषय विशेषज्ञ ने कहा कि अभी भी महिलाओं पर वर्चस्य करने हर किस्म के अत्याचार व कन्या को जन्म देने के पूर्व खत्म करने की कोशिशें होती है, दहेज प्रथा आज भी प्रचलन में है, उन्होंने महिला साक्षरता पर जोर दिया व समाज में सकारात्मक सोच व जागरूकता की आवश्यकता बताया। डॉ.एस.आर.कन्नोज रा.से.यो.अधिकारी ने कहा कि समाज में महिलाओ के प्रति सम्मान व बराबरी की भावना रखना आवश्यक है। इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिकारी/कर्मचारी व अधिक संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।