शिवनाथ साइंस कॉलेज में वृक्षारोपण एवं परिचर्चा (रासेयो के तत्वाधान में)

शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय में महाविद्यालय में दिनांक 19 व 20 जुलाई 2018 को महाविद्यालय परिसर में हरियर छŸासगढ़ योजना के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन श्री अतुल रायजादा अध्यक्ष, जनभागीदारी समिति के मुख्य अतिथ्य में हुआ। परिसर में विभिन्न प्रजाति के 200 पौधे छायादार व फलदार रोपित किए गए। अमलतास, गुलमोहर, पेल्टाफोरम, अमरूद, ऑवला, शीशु, कचनार के पौधे लगाये गये। डॉ. श्रीमती निर्मला उमरे, प्राभारी प्राचार्य के मार्गदर्शन में रासेयो के तत्वाधान में आयोजित किया गया।
वृक्षारोपण उन्नमुखीकरण कार्यक्रम में वृक्षारोपण के महत्व को बताते हुए डॉ. निर्मला उमरे, प्राभारी प्राचार्य ने कहा कि धरती में जीवन को संतुलित रखना है, तो प्रकृति को संजोकर रखना होगा, दुनिया में हरियाली व खुशहाली हेतु वृक्षों का होना आवश्यक है, मानव की आबादी बढ़ने के साथ ही वृक्षों की संख्या कम होती गई, मानव ने अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए प्रकृतिक संसाधानों का उपभोग किया। डॉ. एस.आर.कन्नोजे, रासेयो अधिकारी ने कहा कि वृक्षों को काटने से प्राकृतिक संतुलन प्रभावित हुआ, धरती की जलवायु प्रभावित हुई, इसका भयंकर असर मौसम एवं जलवायु पर पड़ता दिख रहा है।
डॉ. नागरत्ना गनवीर, राजनीति विज्ञान विभाग ने कहा कि पेड़ पौधे जलवायु को संतुलित करते है, पेड़ पौधे के संपूर्ण अंग हमें लाभ पहुंचाते है, हमे हर स्तर पर इसे बचाने, उगाने इसकी सुरक्षा की कोशिश करनी चाहिए, इनकी जड़े मिट्टी की क्षरण को रोकती है, शाखाएं ध्वनि प्रदूषण को सोखती है, कई जीवों के आश्रय केन्द्र वृक्ष होते है। डॉ. फुलसो राजेश पटेल, इतिहास विभाग ने कहा कि नीम, तुलसी, बरगद, पीपल 24 घंटे ऑक्सीजन देते है, पेड़ पौधे ऑक्सीजन की फैक्ट्री है, कई गांवों के नाम पेड़ों के नाम पर रखे गये है। पेड़ पौधों में देवता का वास बताया गया है। डॉ. ए.एन.माखीजा वाणिज्य विभाग ने कहा कि हरे वृक्ष है जीवन दाता, प्राणवायु और वर्षा लाता, बादलों को खीचने की शक्ति वृक्षों में होती है, जहां अधिक पेड़ होते है वहां वर्षा भी अिधक होती है। श्री अनिल चन्द्रवंशी वाणिज्य विभाग ने कहा कि वन है तो जल है और जल है तो रोटी है रोटी है तो जीवन है, यदि जल से भरा जहान बनाना है तो हर खाली जगह पर पौधरोपण करें, हर जन्मदिन पर, सम्मान में, सालगिरह में पुष्पाहार के पौधे भेट करें।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त स्टॉफ व अधिक संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहें।

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