आत्महत्या रोकथाम विषय पर डाॅ. मोना ने साइंस काॅलेज में दिया व्याख्यान
राजनांदगांव। किशोरों में बढ़ती हुई आत्महत्या की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय, में इस विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। विषय विशेषज्ञ के रूप में डाॅ. मोना माखीजा, (मनोविश्लेषक) को आमंत्रित किया गया। डाॅ. मोना माखीजा ने बताया कि किसी भी व्यक्ति के लिए आत्महत्या की खबर झकझोर करने वाली होती हैं। यह अत्यंत दुखदायी होता है जबकि आत्महत्या करने वाला उनका रिश्तेदार अथवा करीबी होता है। अक्सर आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के सम्बंध में अनेक प्रश्न दूसरों के दिमाग में आते हैं, उसने ऐसा क्यों किया होगा? क्या उसके परिवार के सदस्य इस बात को पहले समझ नहीं पाये? ताकि उसे ऐसा करने से रोका जा सकता है। वैश्विक आंकड़े के अनुसार विश्वभर में प्रत्येक 40 सेकेण्ड में एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है, जो कि समाज के लिए चिंता का विषय है। इस पर पावर पाइंट के माध्यम से उन्होंने बताया कि आत्महत्या कोई त्वरित विचार या त्वरित घटना नहीं होता यह लम्बे समय तक की सोच के बाद का परिणाम है। मनोविश्लेषक डाॅ. माखीजा ने बताया कि कैसे पहले से ही आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के संकेतों को पहचाने तथा ऐसे व्यक्ति की प्रवृत्ति को रोकने के लिए कौन-कौन से उपाय करने चाहिए?
प्रोजेक्टर के माध्यम से विद्यार्थियों को विषय की गंभीरता और रोकथाम हेतु आवश्यक कदम पर जोर देते हुए बताया कि आज हर 40 सेकेण्ड में बहुत से लोग अपने जीवन को खो दे रहे हैं अर्थात आत्महत्या कर रहे हैं।
अतः डाॅ. मोना ने महत्वपूर्ण उपाय पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कहा कि हमें केवल उस व्यक्ति की ही सुनना है, सुनना है, और सुनना है क्योंकि उत्तर उसी व्यक्ति के पास है। एक सकारात्मक शब्द हमें उसके लिए बोलना है जैसे- मैं हूँ तुम्हारे साथ, या मैं हूँ ना और हमकों उसकी सारी बातें सुनना है।
इस कार्यक्रम के महत्व और सुझाव संबंधी उपस्थित विद्यार्थी एवं स्टाॅफ से फीडबैक लिया गया। विद्यार्थियों ने कहा यह व्याख्यान वर्तनमान संदर्भ में आत्महत्या जैसे कदम को रोकने हेतु एक सफल प्रयास है। इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।
शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय में 07 सितंबर 2019 को यूथरेडक्रास इकाई एवं वाणिज्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ’’विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस‘‘ पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डाॅ. निर्मला उमरे के मार्गदर्शन में मुख्य विषय- आत्म हत्या करने वाले व्यक्ति की पहचान कैसे की जाए? तथा आत्महत्या की रोकथाम कैसे की जाए? पर व्याख्यान डाॅ. मोना माखीजा, मनोविश्लेषक राजनांदगांव ने प्रोजेक्टर के माध्यम से विद्यार्थियों को विषय की गंभीरता और रोकथाम हेतु आवश्यक कदम पर जोर देते हुए बताया कि आज हर 40 सेकेण्ड में बहुत से लोग अपने जीवन को खो दे रहे हैं अर्थात आत्महत्या कर रहे हैं। इस हेतु आत्महत्या करने वाली व्यक्ति की पहचान कैसे करें ये कौन लोग है जो आत्महत्या करना चाहते है, हमको पहचान करना है। जैसे- यदि कोई व्यक्ति बहुत लंबे समय तक उदास और शांत रहता हो और ज्यादा समय अकेला रहता है। 2. ऐसा व्यक्ति जिसको नींद नहीं आती। 3. ऐसा व्यक्ति जो अधिक समय तक सोता रहता है। 4. ऐसा व्यक्ति जो मर जाने से संबंधित बातें बार-बार करता हो, चेतावनी देता हो, धमकी देता हो। 5. ऐसा व्यक्ति नशे का आदि हो 6. ऐसा व्यक्ति जो आत्महत्या करने से संबंधित सामग्री जैसे-रस्सी, हथियार, और दवाईयों के दुकानो के आस-पास बार-बार नजर आये। उपरोक्त में से हमें कोई भी लक्षण दिखे तो उसे डाॅक्टर, मनोविश्लेषक, मनोचिकित्सक के पास अवश्यक ले जाना चाहिए।
इसके अतिरिक्त डाॅ. मोना ने महत्वपूर्ण उपाय पर ध्यान केन्द्रित करते हुए कहा कि हमें केवल उस व्यक्ति की ही सुनना है, सुनना है, और सुनना है क्योंकि उत्तर उसी व्यक्ति के पास है। एक सकारात्मक शब्द हमें उसके लिए बोलना है जैसे- मैं हूँ तुम्हारे साथ, या मैं हूँ ना और हमकों उसकी सारी बातें सुनना है। इस समस्या के समाधान के लिए कौन सी बातें नहीं करना चाहिए। 1.उस व्यक्ति के दुःख के साथ सहमत नहीं होना है। 2. दुःख व्यक्त भी नहीं करना। 3. दोष नहीं लगाना। 4. उनकी तकलीफ से इनकार नहीं करना। 5. न ही अपने तरीके साथ उनके समस्या का समाधान करना है। केवल हमें इतना करना और बोलने देना है, और उसका साथ देना है। क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति मानसिक बोझ से पूरी तरह से हल्का महसूस करने लगता है।
इस कार्यक्रम के महत्व और सुझाव संबंधी उपस्थित विद्यार्थी एवं स्टाॅफ से फीडबैक लिया गया। विद्यार्थियों ने कहा यह व्याख्यान वर्तनमान संदर्भ में आत्महत्या जैसे कदम को रोकने हेतु एक सफल प्रयास है और महाविद्यालय के विद्यार्थियों को इसका लाभ मिला। इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।