कक्षा सेमीनार शोध आलेख वाचन
राजनांदगांव। शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय राजनांदगांव में दिनांक 07.03.2022 को कला संकाय द्वारा अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र एवं हिन्दी भाषा एवं साहित्य के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सभी विभागध्यक्ष डॉ. निर्मला उमरे प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र, डॉ. नागरत्ना गनवीर विभागाध्यक्ष राजनीति शास्त्र, डॉ. फुलसो राजेश पटेल विभागाध्यक्ष इतिहास, डॉ. एलिजाबेथ भगत विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र, गुणवन्ता खरे विभागाध्यक्ष हिन्दी भाषा एवं साहित्य, कपिल सूर्यवंशी हिन्दी विभाग कार्यक्रम में सम्मिलित होकर विद्यार्थियों को विषय से संबंधित विभिन्न जानकारी प्रदान किये। कक्षा सेमीनार का मुख्य उद्वेश्य विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना विभिन्न विषयों पर अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की सुदृढता स्थापित करना तथा विषय से संबंधित शोध,खोज की दृढ़ इच्छा रखने की भावना को जागृत करना तथा कला संकाय के विद्यार्थियों को लाभान्वित करना है।
इस अवसर पर विद्यार्थी थर्मेन्द्र ने प्रजातंत्र शासन के गुण, दोष बधाएं तथा प्रजातंत्र की सफलता के लिए उपाय बताये। कु. संजना ने कहा कि महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा संबंधी विचार आज भी प्रासांगिक हैं। भगत सलामे ने कहा कि भारत-चीन के बीच पंचशील के सिद्धांतों का उदय 1954 में चीन के प्रधानमंत्री चाउ एन.लाई और नेहरूजी के बीच भारत में हुआ। इस समय हिन्दी चीनी भाई-भाई के नारे लगे। खिलेश्वरी साहू ने कहा कि बेरोजगारी की समस्या भारत में गंभीर रूप से हैं। अतः व्यवसायिक शिक्षा के द्वारा बेरोजगारी दूर की जा सकती है। कु. संजना सिगोटिया ने औद्योगिक क्रांति के कारण आर्थिक उन्नति, पूंजीवाद का विकास और विश्व बाजार की स्थापना को बताया। नेहा साहू ने पुलिस के कार्य एवं जनता के कर्तव्य को बताए। साक्षी यादव ने अकबर की धार्मिक नीति, लोकेश टंडन ने भारत छोड़ो आंदोलन, पुष्पेन्द्र ने स्वरचित कविता, शारदा यादव ने कर्म का सिद्धांत, मिथलेश कुमार ने विलासी वर्ग, कु. प्रीति साहू ने अंधेर नगरी चौपट राजा नाटक के माध्यम से अंग्रेजी शासन की कानून व्यवस्था पर तीखे प्रहार किये। देवकी पटेल ने हिन्दी भाषा के उदगम, विकास एवं हिन्दी की विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगिता पर अपने विचार व्यक्त किये। इस प्रकार यह कार्यक्रम विद्यार्थियों की अधिक संख्या में उपस्थिति के साथ सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।