रामपुर में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया
राजनांदगांव। शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय राजनांदगांव द्वारा दिनांक 31.05.2022 को नशा उन्मूलन अभियान के तहत ग्राम रामपुर में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई व भारतीय रेडक्रास इकाई के तत्वाधान में डॉ. निर्मला उमरे संस्था प्राचार्य के मार्गदर्शन में मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती रत्ना बोरकर सरपंच ग्राम पंचायत रामपुर रही।
कार्यक्रम प्रारंभ उपस्थित ग्रामीणों को तम्बाकू का प्रयोग न करने का संकल्प पत्र भरवाया गया तथा उन्हें नशापान नहीं करने हेतु शपथ दिलाया गया। डॉ. एस.आर.कन्नोजे, रासेयो अधिकारी ने कहा कि प्रतिवर्ष लोगों मंे तम्बाकू के प्रति जनजागरूकता लाने के उद्देश्य से 31 मई को यह दिवस मनाया जाता है, इस बार का विषय रखा गया है- ‘पर्यावरण की सुरक्षा करे’। जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड इन सर्विसेस के अनुसार भारत में लगभग 27 करोड़ लोग तम्बाकू का सेवन करते है इसके अलावा लगभग 12 करोड़ लोग ध्रुमपान के आदि है। डब्लू. एच.ओ. के अनुसार भारत में तम्बाकू के कारण प्रतिवर्ष लगभग 13.5 लाख लोग मर जाते है जो कि चिंता का विषय है। डॉ. एलिजाबेथ भगत रेडक्रास प्रभारी ने कहा कि दुनिया में प्रतिवर्ष सिगरेट के उत्पादन में लगभग 60 करोड़ पेड़ काटे जाते है व 22 अरब लीटर पानी बरबाद हो जाता है। ध्रुमपान से 84 करोड़ टन कार्बन डाई आक्साइड उत्पन्न होती है। बार-बार थूकने से स्वच्छता दूषित होती हैं जिससे वातावरण को भारी नुकसान होता है।
डॉ. फुलसो राजेश पटेल इतिहास विभाग ने कहा कि तम्बाकू के कारण 25 तरह की बीमारियां और लगभग 40 प्रकार का कैंसर हो सकता है, जिसमें मुंह, गले, फेफड़े, प्रोस्टेट, पेट को कैंसर तथा ब्रेन ट्यूमर प्रमुख है। प्रो. गुणवंता खरे हिन्दी विभाग ने कहा कि तम्बाकू धूंए से 500 हानिकारक गैसें व सात हजार अन्य रसायनिक पदार्थ निकलते है जिसमें निकोटीन व टार प्रमुख है, बीड़ी ज्यादा नुकसान दायक होता है। तम्बाकू के व्यवसाय में भारत अग्रणी देश है। विश्व में तम्बाकू उत्पादन व प्रयोग में भारत दूसरा स्थान पर है। श्रीमती रत्ना बोरकर सरपंच में कहा कि तम्बाकू तन व मन को खोखला कर देता है, सोचने समझने की शक्ति समाप्त हो जाती है, बूरे ख्याल आते है, व्यक्ति अवसाद में चला जाता है, अपराध करने की प्रवृत्ति बड़ जाती है। इस पर पूर्ण प्रतिबंध अति आवश्यक है, बंद कर देने से सेहत व वातावरण दोनों को लाभ होगा।
इस अवसर पर अधिक संख्या में पंचगण, ग्रामीण महिला, पुरूष व बच्चे उपस्थित रहे।