जल संरक्षण पर राष्ट्रीय वेबीनार
राजनांदगांव, शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय, राजनांदगांव में दिनांक 19/06/2021 को डॉ. आई. आर. सोनवानी, संस्था प्राचार्य के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में ” जल संरक्षण की आवश्यकता एवं संभावनाएं ” विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन, वनस्पति विज्ञान विभाग, प्राणी विज्ञान विभाग एवं आइ. क्यू .ए .सी. के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। डॉ. सोनवानी, संस्था प्राचार्य ने अपने स्वागत उद्बोधन में, जल की महत्ता का परिचय दिया, उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि जल ही जीवन है, जल है तो कल है, जल प्रकृति प्रदत अमूल्य उपहार है, इसका संरक्षण अति आवश्यक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर ए. डी. एन. बाजपेयी, कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ रहे जिन्होंने अपने वक्तव्य में कहा की शरीर में 70% जल है इसके बिना हमारी जैविक कार्यप्रणाली असंभव है, इसके बिना जीवन असंभव है, अतः जीवन के रक्षण हेतु, जल संरक्षण एवं जल संग्रहण द्वारा ही जल संकट से मुक्ति पा सकते हैं। हमें आवश्यकता के अनुरूप ही, इसका उपयोग करना चाहिए । तथा इसका अपव्यय रोकना चाहिए, हमें इसके लिए समग्र जल नीति बनाने की आवश्यकता है।
डॉ. अवकाश कुमार, सी. ई. ओ. , पवाई, मुंबई, महाराष्ट्र ने, अपने व्याख्यान में, पर्यावरण के प्रकार, प्राकृतिक संसाधनों की भूमिका, विभिन्न प्रकार के जल प्रदूषण, जल संग्रहण एवं संरक्षण की आवश्यकता, जल संरक्षण के तरीके आदि की विस्तार पूर्वक जानकारी, पावरप्वाइंट स्लाइड्स के माध्यम से दी।
द्वितीय सत्र में प्रमुख वक्ता के रूप में, डॉ. के. के. साहू, बायोटेक्नोलॉजी विभाग, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर ने, अपने व्याख्यान में जल स्त्रोतों को होने वाली हानि, ग्लोबल वार्मिंग संकट, कृषि मे जल की उपयोगिता, कृषि में नैनो तकनीक के प्रयोग, जल संकट के कारण, जल संरक्षण की विधियां आदि की सविस्तार जानकारी दी।
तृतीय सत्र के प्रमुख वक्ता, डॉ विमल कानूनगो, वनस्पति विज्ञान विभाग, शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रायपुर ने प्राकृतिक संसाधनों की महत्ता, जल की महत्ता, जल का सदुपयोग, जल प्रदूषण एवं उसके दुष्प्रभाव, जल संकट के कारण, जल संरक्षण के उपायों पर प्रकाश डालते हुए बूंद-बूंद जल बचाने का आव्हान किया।
वेबीनार को सफल बनाने में महाविद्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का पूर्ण सहयोग रहा, कार्यक्रम का संचालन डॉ. एस आर कनोजे, विभागाध्यक्ष, प्राणी विज्ञान विभाग द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. स्वाति तिवारी, विभागाध्यक्ष वनस्पति विज्ञान द्वारा किया गया।