शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय में राज्य स्तरीय तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय राजनांदगाँव में प्राचार्य डॉ.सुमन सिंह बघेल के मार्गदर्शन में हिन्दी विभाग एवं महाविद्यालय आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में राज्य स्तरीय तीन दिवसीय ऑनलाईन कार्यशाला का आयोजन दिनांक 23 से 25 जून 2022 तक हिंदी साहित्य की काव्यगत प्रमुख प्रवृत्तियांँ किया गया। संयोजक गुणवंता दास खरे ने कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा बतायी। इस अवसर पर संस्था प्राचार्य ने कार्यशाला को संबोधित किया और इसे विद्यार्थी, शोधार्थी व प्राध्यापकों के लिये ज्ञानवर्धक व लाभदायक बताते हुये सभी को शुभकामनाएँ दी।
प्रथम दिवस विषय विशेषज्ञ डॉ अनुसूया अग्रवाल ने कवि बिहारी की काव्यकला पर व्याख्यान देते हुये कहा कि रीतिकाल के प्रतिनिधि कवि बिहारी ने प्रत्येक क्षेत्र में लोगेां का विश्वास जीतने का कार्य किया है, उनके प्रत्येक दोहे हिन्दी साहित्य की अमूल्य निधि है वे गागर में सागर भरने वाले कवि थे। द्वितीय दिवस विषय विशेषज्ञ डॉ.रीता गुप्ता ने संत कबीर एक समाज सुधारक पर व्याख्यान देते हुये कहा कि कबीर भक्तिकाल के महान समाज सुधारक थे। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियाँ, जाति व्यवस्था, छुआछूत, धार्मिक कर्मकाण्ड, मूर्तिपूजा, जीवहिंसा, अंधभक्ति जैसे पाखण्डवाद का पुरजोर विरोध किया और मानवता की स्थापना पर बल दिया। कबीर के विचारों की प्रासंगिकता आज भी जनमानस में व्याप्त है। तृतीय दिवस विषय विशेषज्ञ डॉ.जयती बिस्वास ने महादेवी वर्मा व रहस्यवाद पर व्याख्यान देते हुये कहा कि आधुनिक मीरा महादेवी वर्मा ने अपने काव्य के माध्यम से नारी शोषण का विरोध व नारी सशक्तिकरण का समर्थन किया, उनके रहस्यवाद में जीवन की क्षणभंगुरता, अज्ञात सत्ता के प्रति समर्पण प्रमुख रूप से है। इस तीन दिवसीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, असम, उत्तरप्रदेश के 180 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। समापन पश्चात् प्रतिभागियों से फीडबैक लिया गया व सभी को ई-प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ.एस.आर.कन्नौजे व अनिल चंद्रवंशी ने धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। डॉ.ए.एन.माखीजा, डॉ.अवध किशोर झा, परमेश्वर वर्मा, शिवेन्द्र नागपुरे, पुण्यप्रदा सिंह आदि की उपस्थिति में कार्यशाला सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई।