ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने इतिहास विभाग द्वारा कोटरासरार में जागरूकता अभियान

राजनांदगांव। शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय, राजनांदगांव में दिनांक 05.08.2021 को महाविद्यालय से 8 किमी. की दूरी पर गोदग्राम कोटरासरार डोगरगांव रोड़ पर स्थित है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आई.आर. सोनवानी के निर्देशन में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 फुलसो राजेश पटेल के नेतृत्व में दिनांक 05.08.2021 को गोदग्राम कोटरासरार में ’’ऐतिहासिक धरोहर’’ को संरक्षित करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया गया। ग्राम पंचायत कोटरासरार के पंचायत भवन में ग्राम के सरपंच श्री ऋषि कोर्राम ग्राम के सचिव सहित मताएं बहने, गणमान्य नागरिक, पंचायत की महिलायें, युवा वर्ग तथा जनसमान्य वर्ग के सदस्य भी इस कार्यक्रम में उपस्थित हुए। कार्यक्रम में ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए तथा संवर्धन के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संग्रहित करने के लिए जन समूह को संबोधित करते हुए इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ0 फुलसो राजेश पटेल ने संबोधित किया कि देश का इतिहास, संस्कृति हमारी सभ्यता की कला, हमारी धरती के कण-कण में समाहित है। हमे इसे पहचान कर हमारी अपनी ऐतिहासिक धरोहर को संचित रखना है। प्रकृति प्रदŸा अनगिनत बहुमूल्य धरोहर हमारे सांस्कृतिक ज्ञान के लिए उपहार स्वरूप प्राप्त है। जमीन पर कल-कल करती, बहती नदियां, झरने, तालाब, सरोवर, वन, जंगल, पेड़ पौधे, वन्यपशु, रमणीय स्थल, मंदिर, भवन, भग्नावशेष, प्राचीन सिक्के, ताम्र पत्र, मिट्टी के बर्तन, प्राचीन मूर्तिंयां, कला कृतियां, सिक्के, आभूषण, वस्त्र, प्रसाधन सामग्री तथा मानव और मानव द्वारा उपयोग में किये जाने वाले समस्त सामग्री हमारे सांस्कृतिक की पहचान होती हैं। सभी ऐतिहासिक पुरावाशेषों से हमारी संस्कृति का पता चलता है। इन सभी ऐतिहासिक पुरावाशेष जो यत्र-तत्र बिखरे पड़ंे हैं उन्हें संरक्षित करना है, संवर्धन करना है, इससे हमारे आने वाले समय में इतिहास की संरचना और लेखन मदद होगी।
भारत शासन के योजनानुसार देश के समस्त ग्राम पंचायत के विकास के लिए शासन द्वारा निर्माण कार्य संचालित है। वर्तमान में प्रत्येक गांव में जगह-जगह पर तलाब का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है नये तलाब की खुदाई किये जा रहे हैं तलाब के किनारे मंदिर निर्माण कर भगवान की प्रतिमा स्थापित किये जा रहे है। ग्राम में शासन के द्वारा निर्माण कार्य के तहत् ग्राम पंचायत भवन, बच्चों के लिए पाठशाला तथा ग्राम के विकास के लिए कई निर्माण कार्य हो रहा है। अतीत के समस्त पुरावाशेष इतिहास की गाथा है। आज की हमारी संस्कृति, कला, भवन, भग्नावाशेष, सिक्के, कलाकृति, वस्त्र, अभूषण, सौंदर्य प्रसाधन की समाग्री, शासन प्रशासन की समस्त योजनायें हमारे धर्म, कर्म, गीत, रीत, राग, लय-ताल वाद्य यंत्र समस्त उपयोगी समाग्री भविष्य की सांस्कृतिक ऐतिहासिक धरोहर होगी। आने वाले समय में इतिहास लेखन के लिए उपयोगी आधार प्रमाणित होगी।
आज हम सभी को इस अवसर पर संकल्प लेना होगा कि हमारे ग्राम पंचायत के ऐतिहासिक धरोहर जो यत्र-तत्र बिखरे पड़े है उसे एकत्रित कर संरक्षित कर संग्राहालय में सुरक्षित रखेगें। इसके आधार पर ही कल इतिहास की नई इतिहास की सृजन होगी।
इस अवसर पर महाविद्यालय के एन.एस.एस. कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एस. आर. कन्नोजे, डॉ0 एलिजाबेथ भगत समाजशास्त्र विभाग, श्रीमती सीमा ए लाल ग्रंथपाल तथा महाविद्यालय के छात्र छात्रायें भी कार्यक्रम में प्रतिभागी बने। अंत में विभाग की ओर से तथा महाविद्यालय की ओर से इतिहास विभाग डॉ0 पटेल के द्वारा ग्राम के संरपच कोर्राम जी सचिव तथा समस्त कार्यक्रम में उपस्थित सदस्यों के प्रति अभार अभिव्यक्त किया गया।

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